Uttarakhand

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पैदल मार्ग से धाम तक 50 स्थानों पर लगाए जाएंगे साउंड बॉक्स 

बदरीनाथ धाम में भी इस वर्ष से क्यूआर कोड लागू किया जाएगा

ऊखीमठ। 10 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा में प्लास्टिक पैकिंग पेय व खाद्य पदार्थाें की बिक्री क्यूआर कोड के माध्यम से होगी। साथ ही ग्राहक से ली गई अतिरिक्त धनराशि खाली प्लास्टिक बोतल व केन को जमा करते ही ऑनलाइन खाते में रिफंड हो जाएगी। यात्रा में पहले चरण में गुप्तकाशी से केदारनाथ तक चार आरबीएम मशीन व 50 साउंड बॉक्स लगाए जाएंगे। जिला प्रशासन ने हैदराबाद की रिसाइकिल संस्था ने अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन ने यात्राकाल में केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर धाम तक खाली प्लास्टिक की बोतल, केन व अन्य प्लास्टिक कूड़ा का व्यवस्थित तरीके से संग्रहण की योजना बनाई है। यात्रा में पहले दिन से ही केदारघाटी के बाजारों से लेकर गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते की दुकानों में क्यूआर कोड उत्पाद, विशेषकर प्लास्टिक पैकिंग वाले उत्पादों की बिक्री अनिवार्य की गई है।

प्लास्टिक की खाली बोतलों के संग्रहण के लिए फाउंडेशन, मैखंडा, सीतापुर, सोनप्रयाग और केदारनाथ गोल चौक में आरबीएम मशीन (रिवर्स वेंडिंग मशीन) स्थापित की जाएगी। ये मशीन ऑनलाइन काम करेगी। पैदल मार्ग से धाम तक 50 स्थानों पर साउंड बॉक्स लगाए जाएंगे। संस्था की प्रोजेक्ट मैनेजर सुषमा देवी का कहना है कि क्यूआर कोड वाले उत्पाद खरीदते समय ग्राहक से दस रुपये अतिरिक्त लिए जाएंगे। यात्री जब खाली प्लास्टिक की बोतल या केन जमा करेगा तो आरबीएम मशीन या साउंड बॉक्स में उसे अपना मोबाइल नंबर अंकित करना होगा।

मोबाइल नंबर के अंकित होते ही फोन पर एक ओटीपी आएगा, जिसके माध्यम से क्यूआर कोड स्टीकर को स्कैन किया जाएगा और बोतल या केन को मशीन में या बॉक्स में लगे कूड़ादान में डाल दिया जाएगा। इसके दो से तीन मिनट में रिफंड राशि खाते में जमा हो जाएगी। रिसाइकिल संस्था की ओर से गुप्तकाशी से केदारनाथ तक अलग से नौ संग्रहण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे, जहां पर यात्री खाली प्लास्टिक की बोतलें व अन्य प्रकार का प्लास्टिक कचरा जमा करा सकेगा। इधर, संस्था के वरिष्ठ प्रबंधक रवि मूर्ति ने बताया कि बीते दो वर्षों में यात्राकाल में प्लास्टिक उन्नमूलन को लेकर किए गए प्रयासों के परिणाम सफल रहे हैं। इस बार व्यवस्था को और बेहतर किया जा रहा है। साथ ही बदरीनाथ धाम में भी इस वर्ष से क्यूआर कोड लागू किया जाएगा।

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